बस कुछ इसी तरह से हम अपनी प्रेम कहानी लिख जायेंगे...

अहिस्ता अहिस्ता हम तुझ मैं खो जायेंगे,
हर गुज़रते पल मैं "तुम" "मैं" और "मैं" "तुम" हो जायेंगे,
सोचा न था की ऐसे पल भी इस ज़िन्दगी में आयेंगे,
दो चार कदम जो चले साथ वही हमारे हमसफ़र हो जायेंगे......

अब जो थामा तुमने हाथ तोः नामुमकिन को मुमकिन कर जायेंगे,
एक तेरे प्यार के सहारे हम ज़िन्दगी की हर नफरत सह जायेंगे,
तुम देना बस यूँही साथ मेरा तोः करिश्मा हम कर जायेंगे,
दुनिया ने देखी न होगी मोहोब्बत की ऐसी मिसाल कायम कर जायेंगे,

देखा जो हमने मिलके हर वोः ख्वाब पूरा कर जायेंगे,
तेरी बाहों मैं अब अपनी ज़िन्दगी बिताएंगे,
जोड़ के एक एक ईंट अपने सपनो का घर बसायेंगे,
और उस छोटे से घर को तेरी मुस्कुराहटों से सजायेंगे,

फिर जोड़ के दोनों हाथ भगवान् से दुआ कर जायेंगे,
पाये तू खुशी दो जहाँ की और तेरे सारे गम मेरे हो जायेंगे,
बहायेंगे आंसू हम तेरे हिस्से के और अपने हिस्से की मुस्कराहट तेरे लबों पे सजायेंगे,
बस कुछ इसी तरह से हम अपनी प्रेम कहानी लिख जायेंगे...........

नलिन

Comments

Sona said…
Hii!

Playing with words beautifully.
Grt!!!!

Im Looking forward to nourish mine blogging capability also.
I Can take a chance Ri8????
Anonymous said…
Bahot hi Khoob likha hai...
durgesh said…
prem kahaaniyan poori nahin hoti aur jo poori hoti hai vo prem kahaanee nahin hoti.
प्रिय नलिन आपका प्रयास बहुत सुंदर है इसी तरह लिखते रहिये। यदि कविता की रूमानी दुनिया से बाहर निकल कर कुछ तेज-तर्रार लिखने का मन करे तो ज्वाइन करियेगा मेरा समूह ब्लाग जिसकी कुख्याति दुनिया भर में है यानि भड़ास (http://bharhaas.blogspot.com) निमंत्रण खुला है आयें और सबकी हवा तंग करें मठाधीशों की.....
सप्रेम
मुनव्वर आपा

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