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Showing posts from May, 2008

women's liberation

मेरे हिसाब से women's liberation का पहला chapter खुद भगवान ने ही लिखा था , औरत को माँ और बहन बनने की ज़िम्मेदारी देकर, ममता, दोस्ती, प्यार बहने और माएं हर रिश्ता निभा लेती हैं . नलिन

ज़ालिम ज़िन्दगी का खेल तो देखिये......

ज़ालिम ज़िन्दगी का खेल तो देखिये, कोई दूसरा आपके हालात पर आंसू बहता है और आपको उसे तसल्ली देनी पड़ती है , सच पूछिये तो ज़िन्दगी अक्सर अजीब बनके सामने आती है , हर कोई चाहता हैं की तकलीफें उससे दूर रहे, पर इतेफाक यह है की तकलीफों की वजह से ही लोग एक दुसरे के करीब आते हैं

सारी दुनिया मैं इंसान.....

सारी दुनिया मैं इंसान ही एक ऐसा जानवर है ,जो अपने अन्दर हो रहे एहसास को छुपाता रहता है ,पता नहीं क्यूँ पर करते हम सब है.............मैंने पढ़ा था की इन्सान दबाव मैं, कुछ देर अपने ग़मों से दूर होने के लिए जानबूझ के अपनी यादाश्त खुद मिटा देता है, बड़ी पहुंची हुई चीज़ है इन्सान भी, जिंदा रहने के रास्ते ढूंढ लेता है .......... नलिन ......