ज़ालिम ज़िन्दगी का खेल तो देखिये......

ज़ालिम ज़िन्दगी का खेल तो देखिये, कोई दूसरा आपके हालात पर आंसू बहता है और आपको उसे तसल्ली देनी पड़ती है , सच पूछिये तो ज़िन्दगी अक्सर अजीब बनके सामने आती है , हर कोई चाहता हैं की तकलीफें उससे दूर रहे, पर इतेफाक यह है की तकलीफों की वजह से ही लोग एक दुसरे के करीब आते हैं

Comments

Popular posts from this blog

जब वो "उफ़" कहा करती है.

Uski Har "Ada" pe hum apni jaan lutate rahe

Ghajni Shayri Re-Created