क्या है ?
यह जो हो रही है दो दिलों के दरमियान ,
यह अजब सी गुफ्तगू क्या है,
कभी होता था मौसम गुलाबों का जहाँ ,
आज वहां काटों सी चुभन क्या है,
मुस्कुराहटों का दौर हुआ करता था जिन होटों पे कभी,
आज उन होटों पे गम-ऐ-ग़ज़ल क्या है,
किसी ज़माने में हंसा करती थी जो आँखें,
उन आंखों मैं यह आंसू क्या है,
मानके खुदा तुझे किए सजदे तेरे इश्क में,
तोह यह इबादतों मैं बेवफाई का ज़िक्र क्या है,
कहते है शायर की है बेंतेहा सुकूं इश्क में,
तोः फिर यह बेकरारी सी दिल मैं क्या है,
क्यूँ भरते है वो दम मोहोब्बत का अपनी,
जो ख़ुद समझते नही मोहोब्बत की आबरू क्या है,
इसी उम्मीद पे काटी है ज़िन्दगी नलिन ने,
वो काश पूछते की आरजू क्या है,
नलिन
यह अजब सी गुफ्तगू क्या है,
कभी होता था मौसम गुलाबों का जहाँ ,
आज वहां काटों सी चुभन क्या है,
मुस्कुराहटों का दौर हुआ करता था जिन होटों पे कभी,
आज उन होटों पे गम-ऐ-ग़ज़ल क्या है,
किसी ज़माने में हंसा करती थी जो आँखें,
उन आंखों मैं यह आंसू क्या है,
मानके खुदा तुझे किए सजदे तेरे इश्क में,
तोह यह इबादतों मैं बेवफाई का ज़िक्र क्या है,
कहते है शायर की है बेंतेहा सुकूं इश्क में,
तोः फिर यह बेकरारी सी दिल मैं क्या है,
क्यूँ भरते है वो दम मोहोब्बत का अपनी,
जो ख़ुद समझते नही मोहोब्बत की आबरू क्या है,
इसी उम्मीद पे काटी है ज़िन्दगी नलिन ने,
वो काश पूछते की आरजू क्या है,
नलिन
Comments