मुस्कुराये जब वो तोः सारी कायनात हंसा करती है, पड़े उसके कदम जहाँ वो जगह जन्नत हुआ करती है, दिल के सागर में एहसासों की एक लहर उठा करती है, मेरी बदमाशियों पे जब वो "उफ़" कहा करती है जो मुड़के देख ले बस एक नज़र तोः ज़िन्दगी थमा करती है, उसके हर कदम की आहट पे ऋतुएं बदला करती है, मेरे बिखरे से लफ्जों की ग़ज़ल बना करती है, सुनके मेरे काफिये जब वो "उफ़" कहा करती है, जब भी मिल जाए वो तोः खुशियाँ इनायत करती है, अपनी प्यारी बातों से मन को छुआ करती है, मेरी ज़िन्दगी की रहगुज़र को मंजिल मिला करती है, सुनके मेरी दास्तान-ए-ज़िन्दगी जब वो "उफ़" कहा करती है, खुदा ही जाने यह कैसी जुस्तुजू साथ मेरे हुआ करती है, जितना रहता हूँ दूर उससे उतना ही वो मेरे करीब हुआ करती है, यह कैसी कशिश उसके लफ्जों में हुआ करती है, ज़िन्दगी से होती है मोहोब्बत जब वो "उफ़" कहा करती है. नलिन
Hi My Blog Readers, Since the day i saw "Ghajini" of Aamir Khan, there was one shayri which just occupied my mind, to me it was like incomplete composition just like the incomplete romance of Sanjay Singhania of "Ghajini" and it was poking my creative mind continuosly. so i thought to complete this "Shayri" and here's what I wrote... Please have a look at it and let me know your reactions & comments on this attempt of mine The Original Ghajini Shayari " बस एक हाँ के इंतज़ार में रात यूँ ही गुज़र जायेगी , अब तोः बस उलझन है साथ मेरे नींद कहाँ आएगी , सुबह की किरण न जाने कोनसा संदेश लाएगी , रिमझिम सी गुनगुनायेगी या प्यास अधूरी रह जायेगी ......" Original Roman Hindi Version "bas ab ek haan ke intezaar me raat yunhi guzar jaayegi, ab toh bas uljhan hai saath mere neend kahan aayegi, Subah ki kiran na jaane konsa sandesh laayegi, rimjhim is gungunayegi ya pyaas adhuri reh jaayegi" NOW................. MY...
किसी के इंतजार में ही दिल का करार है, किसी की बस एक झलक में ही सारा संसार है, किसी की एक मुस्कराहट से खुशियाँ हज़ार है. शायद इसी का नाम तोह प्यार है किसी की खामोशी में बातें हज़ार है, किसी की झुकी पलकों में हया बेशुमार है, किसी का ज़िक्र दिल सुनना चाहे बार बार है, शायद इसी का नाम तोः प्यार है, किसी की शरारत से दिल को करार है, किसी की एक छुअन से सिरहन बेशुमार है, शायद इसी का नाम तोः प्यार है, किसी की महक से दिल गुलज़ार है, किसी की हर बात पे ऐतबार है, किसी के लौट आने का 'नलिन' को इंतजार है, शायद इसी का नाम तोः प्यार है..... ROMAN HINDI VERSION OF THE POEM Kisi ke intezaar me hi dil ka qarar hai, Kisi ki bas ek jhalak me hi sara sansar hai, Kisi ki ek muskurahat se khushiyan hazar hai, Shayad Isi Ka Naam Toh Pyaar Hai Kisi ki khamoshi me baatein hazar hai, Kisi ki Jhuki palkon me haya beshumar hai. kisi ka zikr dil sunna chahe baar baar hai, Shayad isi ka naam toh pyaar hai, Kisi ki shararat se dil ko qarar hai, Kisi ki ek chhuan se sirhan beshumar hai Kisi ke dard me roye dil zar...
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